मां गंगा के हर बेटे की यही पुकार, तो इसलिए कहें, हर-बार मोदी-सरकार?

(पवन पाण्डेय / सुनील शुक्ला):
–  आज हर बेटे का देश की सबसे मजबूत कुर्सी पर बैठे उस बेटे से एक ही सवाल है, कब मिलेगी हमारी मां गंगा को इस अभिशाप से मुक्ति?
–  128 साल पुराने एशिया के सबसे बड़े नाले का दंश झेलने को मजबूर मां गंगा 
–  सीसामऊ नाला एक अभिशाप के रूप में पुनः मां गंगा की कोख में खा रहा गोते
–  ग्वालटोली में नाले में भारी मात्रा में मिला कूड़ा, प्रतिबंधित थर्मोकोल की प्लेट, प्लास्टिक ग्लास समेत अन्य गंदगी
–  प्रशासनिक अधिकारियों ने किया मां गंगा के हर बेटे को गुमराह
–  देर रात से हो रही रिकॉर्ड बारिश की वजह से गंगा में एक बार फिर से गिरने लगा सीसामऊ नाला
वर्ष 2014 में गुजरात छोड़कर देश की कमान संभालने का ख्वाब लेकर उतरे तत्कालीन प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने जब पहली बार लोकसभा प्रत्याशी के रूप में नामांकन भरने वाराणसी की पावन धरती पर कदम रखा था…… तब उनके ही शब्द थे, न तो मैं यहा आया हूं, न ही मुझे भेजा गया है। दरअसल, मुझे तो मां गंगा ने यहा बुलाया है……… अब इसे मां गंगा की ही कृपा कहें या उनका अपने लाड़ले बेटे को दिया गया आशीर्वाद कि उस दिन के बाद मां गंगा के इस बेटे को कभी हार का मुह नहीं देखना पड़ा। मां गंगा का यह बेटा तो हर दिन के साथ एक नया कीर्तिमान रच रहा है लेकिन मां गंगा आज भी 128 साल पुराने एशिया के सबसे बड़े नाले का दंश झेलने को मजबूर है……
जी हां, ये वही नाला है जिसको टैप करने के बड़े-बड़े दावे जिला प्रशासन की तरफ से मां गंगा के हर बेटे से किये गए थे। इसी नाले पर बने सेल्फी पॉइंट पर सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा पहली सेल्फी लेकर 32 दिन पूर्व इस दिन को ऐतिहासिक करार दिया गया था। इसी नाले पर मां गंगा का एक बेटा जब पहुंचा तो इसे पूरे कानपुर ने एक उत्सव के रूप में मनाया। पहली बार मां गंगा का हर बेटा ये विश्वास करने को मजबूर हो चुका था कि वाकई में राजनीति के इतर भी सरकारें आस्था को न सिर्फ प्राथमिकता देते हुए दिख रही है बल्कि इस पर अमल कराने को लेकर सभी प्रशासनिक अधिकारियों के पेंच भी कस रही है। लेकिन ये क्या……
आज 32 दिनों बाद मां गंगा का हर बेटा खुद को छला हुआ महसूस कर रहा है। आज फिर से ये सीसामऊ नाला हमारी और आपकी आस्था पर चोट कर रहा है…. आज फिर से ये सीसामऊ नाला एक अभिशाप के रूप में पुनः मां गंगा की कोख में गोते खा रहा है….मां गंगा आपके बेटे नरेंद्र मोदी का तो पता नहीं लेकिन आज कानपुर समेत देश का आपका हर बेटा शर्मिंदा है…. आपका वो बेटा जो आज देश की सबसे मजबूत कुर्सी में बैठा होने के बावजूद क्या करता है, हमें नहीं पता…. लेकिन आज इस बेटे का उस बेटे से एक ही सवाल है, कब मिलेगी हमारी मां गंगा को इस अभिशाप से मुक्ति?
क्या है पूरा मामला?
जिस सीसामऊ नाला को मां गंगा में 128 साल गिरने से रोकने में जल निगम ने सफलता पायी थी, उसकी हकीकत 32 दिन बाद फिर पहले जैसी नजर आ यी। हालांकि बारिश का पानी निकालने के लिए जल निगम के पास यही एक मात्र रास्ता था। मां गंगा में गिरते नाले को देखकर जब शासन तक खबर पहुंची, तो पहली बार जलनिगम अफसर भी सफाई देने पर उतरे लेकिन ग्वालटोली में सीसामऊ नाला की जो तस्वीर सामने आयी, वह प्रशासनिक अधिकारियों की हमारी और आपकी आस्था के प्रति असंवेदनशील रवैये को जरूर जाहिर कर गई।
रिकॉर्ड बारिश से मां गंगा में फिर से गिरने लगा नाला
देर रात से हो रही रिकॉर्ड बारिश की वजह से गंगा में एक बार फिर से सीसामऊ नाला गिरने लगा। देर रात से गंगा में लाखों लीटर पानी गंगा में गिरता रहा। यही हाल पूरे दिन बना रहा…… इसको लेकर जब खबर शासन तक पहुंची तो हड़कंप मच गया। इसके बाद जल निगम अफसरों की तरफ से प्रेस वक्तव्य जारी किया गया। जल निगम महाप्रबंधक की तरफ से बताया गया कि सीसामऊ नाला की टैपिंग ड्राई वेदर को लेकर की गई थी। बारिश के मौसम में अतिरिक्त फ्लो स्लूस गेट खोलकर अथवा वियर से प्रवाह को निकालना पड़ता है। देर रात से हो रही बारिश की वजह से यही व्यवस्था सीसामऊ समेत अन्य नालों में करनी पड़ी।
नाले में भारी मात्रा में आया डंप हुआ कूड़ा
सीसामऊ नाला की टैपिंग के साथ लोग अब इसे कूड़ा डंपिंग प्वाइंट बनाने लग गए हैं। इसका नजारा रिकॉर्ड बारिश के साथ बढ़े फ्लो ने दिखा दिया। ग्वालटोली में नाले में भारी मात्रा में कूड़ा प्रतिबंधित थर्मोकोल की प्लेट, प्लास्टिक ग्लास समेत अन्य गंदगी फैली हुई मिली। यह गंदगी इतनी ज्यादा थी कि ग्वालटोली के आगे बढ़ नही नहीं पायी। यहां तक कि नाले के अंदर कई मरे हुए सुअर भी पड़े थे। बारिश के पानी के फ्लो के साथ आयी गंदगी प्रशासनिक अधिकारियों को कितना शर्मिंदा कर गयी…. ये तो पता नहीं, लेकिन हम जरूर शर्मसार है। इसे साफ करने के लिए वीआईपी रोड स्थित पंपिग स्टेशन पर एक कर्मचारी लगातार लगा रहा।

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